भारत की सांस्कृतिक धरोहर को और समृद्ध करने के उद्देश्य से, उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या और रामायण मेला आयोजन समिति, श्रृंगवेरपुरधाम, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में 26 फरवरी 2025 को अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव की श्रृंखला का शुभारंभ किया जा रहा है। यह भव्य आयोजन न केवल भारत के विभिन्न राज्यों में, बल्कि श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों में भी आयोजित किया जाएगा।
श्रृंगवेरपुरधाम में उद्घाटन समारोह
26 फरवरी को प्रयागराज के पर्यटन सुविधा केंद्र स्थल, श्रृंगवेरपुरधाम में होने वाले इस कॉन्क्लेव की अध्यक्षता प्रयागराज के विधायक श्री गुरु प्रसाद मौर्य करेंगे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फूलपुर, प्रयागराज के सांसद श्री प्रवीण पटेल होंगे। इस कार्यक्रम में संत-विद्वानों का समागम होगा, जिनमें हनुमान गढ़ी रामचौरा घाट, श्रृंगवेरपुरधाम के महंत स्वामी श्री कमल दास जी महाराज, गऊघाट, श्रृंगवेरपुरधाम के स्वामी श्री जयराम दास जी महाराज, राष्ट्रीय रामायण मेला के अध्यक्ष डॉ. बालकृष्ण पाण्डेय और समाजसेवी श्री विवेक तिवारी सम्मिलित होंगे।
सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन
कॉन्क्लेव में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रमुख रूप से शामिल होंगे:
रामायण एवं वेद पाठ
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
भक्ति संगीत एवं भजन संध्या
प्रदर्शनी एवं प्रवचन
नृत्य-नाटिका प्रस्तुतियां
गाजीपुर के श्री मनोहर सिंह और उनका दल भक्ति भजनों के माध्यम से माहौल को भक्तिमय बनाएंगे। श्रीमती कुमकुम आदर्श और उनका दल शिव-शक्ति नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा, निधि तिवारी की टीम भी नृत्य नाटिका का मंचन करेगी और महंत लाल जी के दल द्वारा ढोलताशा वादन किया जाएगा।
रामायण कॉन्क्लेव की यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम
श्रृंगवेरपुरधाम के बाद यह धार्मिक यात्रा भारत और श्रीलंका के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाएगी:
01-02 मार्च: चित्रकूट, उत्तर प्रदेश
07-08 मार्च: नागपुर (रामटेक), महाराष्ट्र
18 मार्च: हम्पी, कर्नाटक
21-22 मार्च: रामेश्वरम, तमिलनाडु
26 मार्च: श्रीलंका
29 मार्च: जम्मू (समापन समारोह)
युवाओं के लिए विशेष अवसर
इस कॉन्क्लेव में स्थानीय हायर सेकेंडरी स्कूल, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालयों एवं विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों की भी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह आयोजन न केवल संत और विद्वानों के समागम का उत्तम अवसर प्रदान करेगा, बल्कि युवा पीढ़ी को भी भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों से प्रेरणा लेने का एक सुअवसर देगा।
रामायण के संदेश को विश्व पटल पर ले जाने का प्रयास
अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की मूल भावना को विश्व पटल पर ले जाने का एक सशक्त माध्यम भी है। इस कॉन्क्लेव से रामायण के आदर्शों, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्श चरित्र, और उनके जीवन से जुड़े प्रेरणादायक प्रसंगों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति को समझने और आत्मसात करने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा धार्मिक आस्था को और अधिक मजबूत करने का एक सशक्त माध्यम साबित होगी।
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