मजीद खां पठान 

 चंदेरी (मध्य प्रदेश) / ऐतिहासिक एवं पर्यटन नगर चन्देरी स्थित बूढ़ी चंदेरी एक प्रमुख पुरातन पर्यटन स्थल है। उक्त स्थल पर स्थित प्राचीन जैन मंदिर 1 से 5 भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) द्वारा राष्ट्रीय महत्व के घोषित होकर संरक्षित है। जग जाहिर है कि बूढ़ी चंदेरी का ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं धार्मिक महत्व है। याद रखना होगा की बूढ़ी चंदेरी से ही एक नहीं अनेक जैन एवं सनातन धर्म से संबंधित पाषाण प्रतिमाएं चंदेरी संग्रहालय में रखी गई है। आज भी बूढ़ी चंदेरी क्षेत्र में जैन और सनातन धर्म से संबंधित साक्ष्यों से रूबरू हुआ जा सकता है।

     


राष्ट्रीय महत्व के संरक्षित स्मारकों की जर्जर अवस्था जीर्णोद्धार किए जाने की ओर साफ-साफ इशारा करती जान पड़ती है। निकटवर्ती स्थित प्राचीन चबूतरा आदि दिखाई दे रही पुरा संपदा यह दर्शा रही है कि यदि जरा सा भी इस क्षेत्र में उत्खनन कार्य किया जावे तो अवश्य प्राचीन मंदिरों से संबंधित नवीन जानकारियां उजागर होगी। प्राकृतिक वातावरण से परिपूर्ण संरक्षित स्मारकों पर बुनियादी सुविधाओं का नितांत अभाव विचारणीय है। यहां तक की जैन मंदिरों तक पहुंच मार्ग के रूप में सहज और सुगम सीढियां भी उपलब्ध नहीं है। जिस कारण मंदिरों तक आने-जाने में प्रत्येक श्रद्धालुओं सहित पर्यटकों को असुविधा का आमना सामना करना पड़ता है। रास्ता में बेतरतीब रखे पत्थरों से हर समय चोटिल होने की संभावना बनी रहती है।

         वहीं दूसरी ओर पुरुष एवं महिला प्रसाधन की उपलब्धता न होना, पेयजल, बैठक व्यवस्था आदि बुनियादी सुविधाओं का न मिल पाना, स्मारकों के बारे में संक्षिप्त सारगर्भित उत्तम जानकारी प्रदर्शित न होना कहीं न कहीं चन्देरी पर्यटन पर विपरीत असर डालती है।उल्लेखनीय है कि महाभारतकालीन चेदि नरेश शिशुपाल की राजधानी रही यह वही बूढ़ी चंदेरी है जिसका संबंध युग योगेश्वर श्रीकृष्ण जी से जुड़ता है। बूढ़ी चंदेरी स्थित शिशुपाल की गढ़ी नामक स्थल आज भी शिशुपाल की यादों को तरो-ताजा करने का सबब बनी हुई है। यही सब मिले जुले कारण है जिनके चलते बूढ़ी चन्देरी धार्मिक पर्यटन स्थल पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आवाजाही में निरंतर वृद्धि हो रही है।

         ऐसी परिस्थितियों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भारत सरकार से संरक्षित स्मारकों के जीर्णोद्धार, पर्यटक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कदम आगे बढ़ाना अपेक्षित ही नहीं वरन् न्याय संगत भी होगा। चंदेरी पर्यटन एवं सार्वजनिक हित में उक्त दिशा में उचित कार्यवाही किए जाने हेतु एक आवेदन पत्र श्रीमान महानिदेशक महोदय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) नई दिल्ली एवं अधीक्षण पुरातत्वविद  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) भोपाल मंडल भोपाल की ओर सादर प्रेषित कर निवेदन किया गया है।