चित्रकूट की पावन धरा श्रद्धेय नानाजी देशमुख की कर्मस्थली :योगी आदित्यनाथ  

लखनऊ  / उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि चित्रकूट की पावन धरा श्रद्धेय नानाजी देशमुख की कर्मस्थली, पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की पावन जन्मस्थली है। चित्रकूट की महिमा हमारे वेदों, पुराणों तथा शास्त्रों में वर्णित है। चित्रकूट एक समृद्ध विरासत के साथ आगे बढ़ा है। महर्षि भारद्वाज तथा महर्षि वाल्मीकि की प्रेरणा से भगवान श्रीराम ने माता जानकी तथा भाई लक्ष्मण जी के साथ 14 वर्षों के वनवास के दौरान अपना सर्वाधिक समय चित्रकूट में व्यतीत किये थे।मुख्यमंत्री  आज जनपद चित्रकूट के कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां में पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा का अनावरण करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने हरिशंकरी का पौधरोपण किया तथा कृषि विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री जी ने कृषि विज्ञान केन्द्र में स्थित परमानन्द आश्रम पद्धति विद्यालय पहुंचकर विद्यार्थियों को चॉकलेट दीं तथा उनका कुशलक्षेम पूछा। उन्होंने कहा कि आज पूज्यपाद तुलसीदास जी महाराज की पावन जयन्ती है। इस अवसर पर श्रद्धेय नानाजी की इस कर्मस्थली पर गनीवां में कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से किए जा रहे लोक कल्याणकारी कार्यों का अवलोकन करने का तथा पूज्य संत तुलसीदास जी महाराज की भव्य एवं दिव्य प्रतिमा का लोकार्पण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मुख्यमंत्री बनने पर उनसे बुन्देलखण्ड का दौरा करने के लिए कहा था। उन्होंने बुन्देलखण्ड की समस्याओं का समाधान करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कहा था। हमारे शास्त्रों ने उस समय के भारत की सामाजिक व्यवस्था का आधार कोल, भील, निषाद सहित अन्य जनजातियों का मनोहर वर्णन किया है। डबल इंजन सरकार ने यह तय किया था कि कोल, भील सहित जितनी भी वनवासी जनजातियां हैं, उन्हें शासन की सभी प्रकार की सुविधाओं का लाभ प्रदान करते हुए सेचुरेशन के लक्ष्य तक पहुंचाएंगे। लगातार इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। यह भगवान श्रीराम के सेवकों द्वारा प्रभु श्रीराम की की गयी सेवा के प्रति हमारी कृतज्ञता है। इन प्रयासों के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।उन्होंने कहा कि वह लालापुर कई बार आए हैं। उनके मन में राजापुर आने और यहां के लिए कुछ करने की इच्छा थी। यहां से यमुना जी बहती हैं। तुलसीदास जी के जीवन में यमुना जी की बहुत कृपा रही है। आज भी इस पूरे क्षेत्र के लिए यह एक जीवनदायिनी नदी है। यहां पर रिवरफ्रण्ट बनाया जाएगा। यहां कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से अच्छे कार्य हुए हैं। दलहन, तिलहन, मक्का का दायरा बढ़ा है। किसानों की आमदनी में कई गुना वृद्धि करने का कार्य हुआ है।


मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नई प्रगति की है। वर्ष 2014 के पहले किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड के बारे में जानकारी नहीं थी। प्रधानमंत्री जी ने स्वायल हेल्थ कार्ड की योजना प्रारम्भ की। जो धरती माता हमारा पेट भरती है, उसके स्वास्थ्य की दृष्टि से इस योजना के माध्यम से व्यापक प्रयास प्रारम्भ हुए। इससे किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन हुआ। इसके साथ ही, कृषि बीमा योजना व प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू की गयी। बुन्देलखण्ड में भी सिंचाई की अनेक योजनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया। इनके परिणामस्वरूप सिंचाई का दायरा बढ़ा। किसान अपने खेतों से तीन-तीन फसल लेने में समर्थ हुए। किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के तौर-तरीके बताए गए। इन प्रयासों से किसानों की आमदनी में वृद्धि हुई। निराश्रित गोवंश के संरक्षण की दृष्टि से निराश्रित गोआश्रय स्थल बनाये गये।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले बुन्देलखण्ड की कनेक्टिविटी अच्छी नहीं थी। आज बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के माध्यम से यह राजधानी दिल्ली से जुड़ गया है। यहां श्रीराम वन गमन पथ बन रहा है। भक्ति के केन्द्र चित्रकूट में व्यापक परिवर्तन के कार्य हुए हैं। अब चित्रकूट दर्शनीय हुआ है। यह कार्य पहले होने चाहिए थे। यहां रोपवे बन गया है। कामदगिरी परिक्रमा को और पवित्र बनाने का कार्य हो रहा है। अभियान के माध्यम से स्वच्छता के कार्यक्रम आगे बढ़ाये जा रहे हैं। पावन मंदाकिनी नदी की शुद्धता और उसकी अविरलता की दिशा में भी कार्य हो रहे हैं। वहां स्थित आश्रमों का पुनरुद्धार किया जा रहा है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष बुन्देलखण्ड में कुछ जगह अतिवृष्टि तथा कुछ जगह अनावृष्टि की स्थिति है। प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना में अभी तक जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, वह 15 अगस्त तक अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें। जिससे उनकी फसल को नुकसान होने पर इसका लाभ मिल जाएगा। इस वर्ष बुन्देलखण्ड में मूंगफली और मूंग की अच्छी फसल हुई है। हमने इसके लिए क्रय केन्द्र भी स्थापित किए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बुन्देलखण्ड वर्तमान में समृद्धि के नये मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। यहां डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है। भगवान श्रीराम ने जब यहां से दण्डकारण्य के लिए प्रस्थान किया था, तो उन्होंने इस धरती को राक्षसों से विहीन करने का संकल्प लिया था। चित्रकूट का डिफेंस कॉरिडोर इसी दृष्टि से तैयार हो रहा है। भारत के दुश्मनों को निपटाने का काम बुन्देलखण्ड में बन रहे हमारे कॉरिडोर के माध्यम से होगा। यहां की युवा शक्ति इस अभियान से जुड़कर देश की सुरक्षा के लिए मजबूत दीवार बनकर खड़ी होगी।

उन्हों ने कहा कि आपने बदलते हुए चित्रकूट को देखा है। 08 वर्ष पूर्व यहां लोग आने से डरते थे। यहां बड़े कार्य नहीं हो पाते थे। आज भय और दहशत नहीं है, बल्कि सुरक्षा का माहौल है। लोगों में आगे बढ़ने की उत्सुकता है। देश और दुनिया के लोग चित्रकूट आ रहे हैं। लोगों के मन में चित्रकूट, लालापुर, राजापुर तथा सती अनुसूइया के आश्रम तथा कामदगिरि परिक्रमा के बारे में जानने की उत्सुकता पैदा हुई।मुख्यमंत्री  ने कहा कि इस वर्ष जब प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन हुआ, तो पूरे देश ने चित्रकूट की महिमा के भी दर्शन किये। उस दौरान यहां से प्रतिदिन हजारों बसें गुजरती थीं। चित्रकूट वासियों और चित्रकूट से प्रयागराज के बीच पड़ने वाले हर गांव और कस्बे के लोगों ने आतिथ्य सेवा का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। इसी प्रकार वनवास काल में भी कोल, भील तथा निषाद समाज ने भगवान श्रीराम का सत्कार किया होगा। यह प्रेरणा की धरती है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपने लिए तो हर व्यक्ति जीता है, लेकिन समाज के वंचित तबके के लिए जीने वाले लोग विरले ही होते हैं। जिन लोगों ने भगवान श्रीराम का वनवास काल में सहयोग किया था, यदि आज हम उन्हें उपेक्षित करेंगे तो हमें भगवान श्रीराम का आशीर्वाद कभी नहीं मिलेगा। भगवान श्रीराम का आशीर्वाद हमें तभी मिलेगा, जब हम उनके प्रति अनुराग और सम्मान का भाव रखेंगे और उनके उत्थान के प्रयास करेंगे। परमानन्द आश्रम पद्धति विद्यालय यहां पर इसी की प्रेरणा प्रदान कर रहा है। वर्तमान में यह कक्षा 05 तक संचालित है, जिसे कक्षा 10 तक आगे बढ़ाए जाने की योजना है। प्रदेश सरकार का समाज कल्याण विभाग इसमें पूरा सहयोग करेगा। दीन दयाल शोध संस्थान के माध्यम से इस कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्हों ने कहा कि हमें जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर बांटने वाले लोगों से सावधान रहते हुए ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ और ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट होकर कार्य करना है। यह हमारी राष्ट्रीय एकता का आधार है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री श्री मनोहर लाल मन्नू कोरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा संतगण व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।