आज सोशल मीडिया समाजशास्‍त्री की भूमिका में है : प्रो. कुमुद शर्मा 


वर्धा, 10 सितंबर 2025 : भारत पर्यावास केंद्र, नई दिल्‍ली के निदेशक प्रो. के. जी. सुरेश ने कहा है कि डिजिटल युग में मीडिया साक्षरता आवश्‍यक है। वे बुधवार, 10 सितंबर को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के माधवराव सप्रे सभा कक्ष में डिजिटल युग में मीडिया साक्षरता विषय पर विशेष व्‍याख्‍यान दे रहे थे। प्रो. के. जी. सुरेश ने कहा कि नेपाल, बांग्‍लादेश समेत विभिन्‍न देशों में सोशल मीडिया को लेकर जो हिंसा देखी जाती है, वैसा कभी लोकतांत्रिक देश भारत में नहीं देखा गया। उन्‍होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्‍य भारत में जन जन तक पहुंचा है। पत्रकारिता और साहित्‍य में पहले बहुत निकटता थी, वह कड़ी आज कमजोर हो रही है। पत्रकारों को भाषा और विश्‍व की परिस्थिति की समझ होनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि सोशल मीडिया कोई आंदोलन खड़ा नहीं कर सकता। आंदोलन जनता से बीच से ही निकलता है। नागरिक पत्रकारिता का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि नागरिक संवाहक बन सकता है, पत्रकार नहीं। उन्‍होंने मीडिया में आए बदलाव, असत्‍य समाचार, डीप फेक जैसी तकनीक का उल्‍लेख करते हुए कहा कि एैसे समय में मीडिया साक्षरता जरूरी है और इसे विद्यालय एवं विश्‍वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे सही गलत की पहचान हो सके और समाज में जागरूकता बढ़ सके। इसके लिए राष्‍ट्रीय मीडिया साक्षरता बोर्ड जैसी एजन्‍सी बनाए जाने की आवश्‍यकता पर उन्‍होंने बल दिया।


कार्यक्रम में अध्‍यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का प्रहरी है। वर्तमान समय में सोशल मीडिया समाजशास्‍त्री की भूमिका में आ गया है। इसने नयी पीढी को साहस दिया है। एक वैकल्पिक मीडिया के रूप में सोशल मीडिया को देखा जा रहा है। हमे इसका प्रयोग मनुष्‍य के व्‍यापक हित में करना चाहिए। कार्यक्रम में विद्यार्थियों का प्रयोगिक समाचार पत्र ‘मीडिया समय’ का लोकर्पण किया गया। स्‍वागत भाषण जनसंचार विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने दिया। संचालन सहायक प्रोफेसर डॉ. रेणु सिंह ने किया तथा सहायक प्रोफेसर डॉ. संदीप वर्मा ने आभार माना। इस अवसर पर अध्‍यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्‍या में उपस्थित रहे।