संदीप भटनागर 

किसी भी शहर की नब्ज़ परखनी हो तो उसकी सड़कों का रुख कीजिए। सड़कें शहर का मूड,मौसम और मिज़ाज को बड़े तफसील से बयां करती हैं। ये सिर्फ गली-मोहल्लों और क्षेत्रों को जोड़ने का ही काम नहीं करतीं बल्कि ये भागती हैं,दौड़ती हैं,रेंगती हैं,थिरकती हैं, तरंगित होती हैं। दिसंबर के आगमन  के साथ मेलबर्न की हवाओं में क्रिसमस की आहट सुनाई देने लगी। माह के प्रथम सप्ताहांत से ही मेलबर्न के कला, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र रहे क्षेत्रों में यह हलचल ज्यादा नजर आने लगती है।

मेलबर्न के इसी मूड का जायजा लेने के लिए हम सभी ने तय किया कि दिसंबर के द्वितीय रविवार को पूरा दिन शहर के मुख्य क्षेत्र का पैदल भ्रमण किया जाए। एक दिन पहले यानी कि शनिवार को मौसम अपने विचित्र रूप में था। दिन भर रुक-रुक कर बारिश होती रही। मन में आशंका थी कि कहीं कल भी यही हाल रहा तो पैदल ही सड़कें नापने का कार्यक्रम धरा का धरा रह जाएगा लेकिन गूगल बाबा के आश्वासन पर हमने रविवार की तैयारी कर ली। आवश्यक सामग्री के साथ सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे हम लोग पॉइंट कुक से डॉकलैंड के लिए कार से निकल पड़े। यहाँ हमें कार पार्क कर आगे का सफर ट्रॉम और पैदल तय करना था।

 डॉकलेंड में दिसंबर माह के सप्ताहांतों में पर्याप्त समय पूर्व कार पार्किंग रिजर्व करवाना जरूरी होता है। ऐन समय पार्किंग मिलना लगभग असंभव होता है। बेटे द्वारा यह कार्य आठ दिन पहले ही कर लेने से हम निश्चिंत थे। पच्चीस मिनट के सफर के बाद हम लोग कार पार्क कर सदर्न क्रास ट्रॉम स्टेशन पर थे। डॉकलेंड और पूरे सीबीडी एरिया में सड़क के दोनों ओर मेपल वृक्ष बहुतायत से लगे हैं। इन दिनों ये वृक्ष हरी चमकीली पत्तियों से लदे हुए हैं। नीले स्वच्छ आसमान की छटा में खिली धूप में ये पेड़ बहुत सुंदर लग रहे थे। इन्हीं पत्तों का हरा रंग शरद ऋतु के आगमन के समय मार्च के अंत से ले कर मई अंत तक सुनहरी लाल हो जाता है जो पूरे क्षेत्र की रंगत बदल देता है। 

     


यहाँ से हम स्वांस्टन स्ट्रीट के लिए ट्रॉम में बैठ गए। दस मिनट से भी कम समय में हम अपने गंतव्य पर पहुँच गये। स्टेशन से बाहर निकलते ही सामने बॉरक्यू स्ट्रीट थी। स्ट्रीट के बायीं और भव्य सात मंजिला बिल्डिंग। बिल्डिंग के सामने कतारबद्ध उत्साहित विशाल जन समूह नजर आया जो अपने बच्चों का हाथ पकड़े अपनी बारी के इंतजार में खड़े लोगों का था। छोटे बच्चों को उनके अभिभावक अपने कंधों पर उठाये हुए थे। बिल्कुल हमारे यहाँ के मेलों का नज़ारा। 

यह भव्य इमारत मेलबर्न के प्रसिद्ध डिपार्टमेंटल स्टोर मायेर की है। इमारत का भूतल क्रिसमस के दिनों में विशेष आकर्षण का केंद्र बन जाता है। भूतल पर बनी शोरूमनुमा ग्लास की छ: बड़ी-बड़ी विंडोज में विशेष थीम की चलित झाँकियाँ प्रदर्शित की जाती हैं। इस बार की थीम ‘प्लेफुल लेगो क्रिसमस स्टोरी’ थी। मेलबर्न में यह परंपरा वर्ष 1956 से निरंतर चली आ रही है। इस पूरे नजारे को देखने के लिए सिर्फ और सिर्फ बच्चों का हुजूम था कुछ छोटे बच्चे और उनके साथ बच्चे बने बहुत सारे बड़े। अद्भुत दृश्य!

 सड़क पार कर हम रॉयल आर्केड बाजार में दाखिल हुए। यह बाजार एक गलि के रूप में है जो गोलाकार छत से ढँका है।  गलि के दोनों ओर लगी दुकानें क्रिसमस थीम पर सजी हुई थीं। रंग-बिरंगी रोशनी, सांता क्लॉज के कट आउटस्, पोस्टर एवं चित्र। बीचोंबीच सजा क्रिसमस ट्री और खरीद-फरोख्त करते लोग माहौल को उत्सवमय बना रहे थे। दुकानों पर सजे सामान में लाल रंग की भरमार थी। श्वेत-धवल फर के किनारे वाली सुर्ख लाल टोपियों पर बर्फ से सफेद गोले सजे फुंदने, लाल जैकेट, सांता के कास्टूयम, लाल और सुनहरे गिफ्ट पेपर में क्रिसमस गिफ्ट पैक करवाते स्त्री-पुरुष। हर तरफ उल्लास दिखलाई दे रहा था। बाज़ार घूमते हुए हम हार्डवेयर लेन तक आ गये। हार्डवेयर लेन मेलबर्न के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (CBD) में एक प्रसिद्ध और चहल-पहल से भरपूर laneway  है, जो अपने यूरोपीय अहसास, लाल ईंटों और विशेषकर ढेर सारे रेस्टोरेंट, कैफे और बार के लिए जानी जाती है। यहाँ बैठकर लोग खाने-पीने के साथ संगीत का आनंद लेते हैं। यह जगह मेलबर्न की लेन संस्कृति से परिचित करवाती है। हमने भी यहाँ के एक मशहूर रेस्टोरेंट मेक्स ऑन में मेक्सिकन व्यंजनों का आनंद लिया।


भोजन समाप्त कर हमें फ्लिंडर्स स्ट्रीट स्थित सेंट पॉल केथेड्रल जाना था। यहीं पर हम फ्लिंडर्स स्ट्रीट स्टेशन की भव्य इमारत और फेडरेशन स्केवयर भी देखने वाले थे जो क्रिसमस गतिविधियों का मुख्य केंद्र थे। यहाँ पहुँचने के लिए हमारे पास दो विकल्प थे या तो ट्राम से हम सीधे फ्लिंडर्स स्ट्रीट स्टेशन जाते या फिर स्वांसटोन स्ट्रीट  हो कर पैदल रास्ता तय करते। सड़क नापने निकले थे तो नापना ही तय किया। स्वांसटोन स्ट्रीट अपनी हेरिटेज इमारतों के लिए तो प्रसिद्ध है ही साथ ही सप्ताहांत में इस सड़क के फुटपाथ स्थानीय गायकों और वाद्ययंत्र बजाने वालों से गुलजार रहते हैं। यहाँ आप बालिवुड, हालिवुड, पाश्चात्य संगीत कुछ भी सुन सकते हैं। इन्हें स्ट्रीट परफॉरमर्स भी कहा जाता है। हम लोग संगीत के इस कॉकटेल का आनंद लेते हुए आगे बढ़ रहे थे।

स्वांसटोन स्ट्रीट से फ्लिंडर्स स्ट्रीट तक सड़क के दोनों और बने फुटपाथ विशेष रूप से सुसज्जित थे। कहीं अलग-अलग प्रजाति के सुन्दर फूलों से लदे पौधे तो कहीं छोटी-छोटी लाल घंटियों से लदा क्रिसमस ट्री। दूर तक फैली चमकीली धूप और नीलाकच्च आसमान ।ऐसा लग रहा था मानों रंगों में भी सुन्दर दिखने की होड़ लगी हो।  करीब पंद्रह मिनट पैदल चलने के बाद हम फ्लिंडर्स स्ट्रीट पहुँचे। दूर से ही सेंट पाल केथेड्रल के सुंदर छोटे बड़े गुंबद, आर्चनुमा खिड़कियाँ नजर आ रहीं थीं।  इमारत की गोथिक शैली यूरोप के भव्य केथेड्रलस् की याद दिलाती है। यहाँ मेलबर्न के आर्चबिशप का मुख्यालय भी है। इमारत के मुख्य द्वार से प्रवेश कर हम प्रार्थना कक्ष में आ कर बैठ गये। प्रार्थना कक्ष की शांति भीतर तक महसूस हो रही थी। बाहर से दिख रही आर्चनुमा खिड़कियों के रंगीन काँच के पेटर्न से प्रवेश करता प्रकाश आलौकिक लग रहा था। कुछ समय बैठ कर हम केथेड्रल से बाहर निकले।

सेंट पॉल केथेड्रल के दाँयीं और फ्लिंडर्स स्ट्रीट रेलवे स्टेशन की भव्य तीन मंजिला इमारत है है जिसे देखकर बरबस ही मुम्बई के प्रसिद्ध छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन की याद हो आई। दोनों इमारतें विक्टोरिया काल के डिजाइन का बेहतरीन नमूना है। फ्लिंडर्स स्ट्रीट स्टेशन को भी क्रिसमस के स्वागत में सुंदर रोशनी से सजाया हुआ था। 


इस प्रतिष्ठित और पुरातन इमारत के सामने फेडरेशन चौक (Federation square) है। यह यारा नदी के किनारे स्थित एक ऐसी जगह है जो स्थानीय निवासियों और पर्याटकों के लिए वर्षपर्यंत आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। यहाँ लगातार आयोजित होने वाले सांस्कृतिक, साहित्यिक और कला के कार्यक्रमों के कारण यह मेलबर्न का दिल बन गया है जो हर समय धड़कता रहता है। इसकी पाँच मंजिला एल.ई.डी. स्क्रीन पर ओपन एयर थियेटर थीम में मूवीज एवं महत्वपूर्ण खेल प्रतियोगिताओं के लाईव शोज़ आयोजित किए जाते हैं। क्रिसमस के स्वागत में यहाँ तीस फुट ऊँचा क्रिसमस ट्री सजाया गया था। रस्म के तौर पर इसके साथ फोटो खिंचवाने की परंपरा जारी थी। माहौल में बहते हुए हमने भी इसके सामने खड़े हो कर फोटो खिंचवा ही डाली। दूसरी ओर रेंडियर वाली सांता क्लॉज कार्ट पर सवार हो कर फोटो खिंचवाने वाले बच्चे लाइन में लगे बेसब्री से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। कार्ट पर सवारी करते बच्चे और उनके अभिभावकों में कोई फर्क नजर नहीं आ रहा था। 

नजदीक ही खुले मंच पर युवा अपने संगीत कौशल का परिचय दे रहे थे। परिसर में मौजूद रेस्तरां भी अपने मेन्यू और क्षमता के साथ माहौल को सुगंधित और स्वादिष्ट बना रहे थे। फेडरेशन चौक दुनिया दस मशहूर चौक में शामिल है। फेडरेशन चौक से बाहर निकल कर हमने यारा रिवर फ्रंट का रुख किया। मेलबर्न शहर के मुख्य हिस्से में से गुजरने वाली विक्टोरिया की प्रमुख नदी है। डॉकलेंड और सी.बी.डी. क्षेत्र में नदी के दोनों और कई हिस्सों में रिवर फ्रंट विकसित किये गये हैं। उनमें से यह एक रिवर फ्रंट है जिसके दोनों और अनेक शानदार फ्लोटिंग रेस्तरां हैं। इन रेस्तरां की सजावट व बैठक व्यवस्था बहुत सुंदर है। हमारी नजर से जितने रेस्तरां गुजरे उन सभी में डायनिंग के लिए वेटिंग नजर आई।  रिवर फ्रंट  के दाहिने हिस्से में हमें कुछ सायकल राइडर्स के ग्रुप भी मिले और नदी में नौकायन करते हुए आस्ट्रेलियाइ महिलाओं के समूह भी नजर आए। फिटनेस आस्ट्रेलियाइ जीवनशैली का हिस्सा है। रिवर फ्रंट के साउथ गेट को जोड़ने वाला ब्रिज बड़े से सितारे से सजा हुआ था। इस ब्रिज को पार कर हम साउथ गेट क्षेत्र में पहुँचे। यह क्षेत्र अपने संडे मार्केट के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आम फुटपाथ मार्केट की तरह सोवेनियर्स, ज्वेलरी और डेकोरेटिव सामग्रियों की अनेक दुकानें करीने से लगी हुईं थीं। एक वृद्ध सज्जन बाँहों पर गुब्बारे बाँधे बैठे नजर आये। समझ नहीं आया कि वे शौकिया लगा कर बैठे हैं या बेचने के लिए। उनसे अनुमति प्राप्त कर उनका एक फोटो क्लिक किया। घूमते-घूमते चाय की तलब लगी लेकिन यहाँ चाय मिलना मुश्किल था। कॉफी सुलभता से उपलब्ध थी। हम नजदीक ही कॉफी शॉप ढूँढ रहे थे। अचानक हमारी नजर करीब बीस फुट ऊँची ड्रेगन फ्लॉय बनी दो युवतियों पर पड़ी वे पाँव में बाँस बाँधे लाल-सफेद परिधान पर लगे पंखों के साथ आकर्षण का केंद्र बनी हुईं थीं। बड़े और बच्चे उनके कदमों में खड़े हो कर फोटो क्लिक करवा रहे थे। बतौर यादगार हमने भी उनके साथ फोटो क्लिक करवाया और गरमागरम कॉफी का आनंद ले कर मेलबर्न कन्वेंशन सेंटर साउथ वार्फ की और बढ़ चले। कन्वेंशन सेंटर पहुँच बाहर बनी सीढ़ियों पर बैठ कर यारा रिवर के कुछ फोटो क्लिक किये। यहाँ नदी के किनारे दिसंबर के प्रथम सप्ताह से क्रिसमस तक रोज रात को लेजर शो आयोजित होता है लेकिन हमारे घर लौटने का समय हो चला था इस कारण हम चाह कर भी इस शो के लिए नहीं रुक सकते थे।